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तनाव क्यों और कैसे कम करें

lekhan vani
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बहुत चौंका देने वाले हैं वो भी तनाव को लेकर यह देखकर बड़ा दुःख होता है की हमारे देश के युवा आजकल तनाव में हैं और कम ही उम्र में हमारे युवा उच्च रक्तचाप मधुमेह हृदयाघात आदि बीमारियों के शिकार हो रहे हैं हमारे देश के लिए यह बहुत ही चिंता की बात है की हमारे देश में तनाव बढ़ता जा रहा है और यह हमारे देश के युवाओं की मौत का कारण बनता जा रहा है मनोवैज्ञानिकों के अनुसार तनाव को कई भागों में बांटा गया है मानसिक तनाव दिमागी तनाव और कार्य का तनाव और एक दुसरे को आगे बढ़ते देख जलन और उसी को देखकर आगे बढ़ने की कोशिश करने का तनाव यह तनाव आजकल हमारे युवाओं में बहुत देखने को मिलते हैं अगर यह तनाव बढ़ते रहे तो कोई संशय नहीं की हमारे देश की प्रगति रूक जायेगी हमारे देश की प्रगति छात्रों और युवाओं और कर्मचारियों पर ज्यादा निर्भर है अगर येही प्रसन्न नहीं रहे और तनाव हावी कर लिया तो हमारे देश की प्रगति का रूकना अवश्यम्भावी है अब सवाल यह है की तनाव क्यों होता है इस सवाल के जवाब के लिए हमें सबसे पहले यह जान लेना चाहिए की आज का जमाना प्रतियोगिता का है हर कोई एक दुसरे से आगे बढ़ना चाहता है इसी की वजह से आजकल व्यक्ति तनाव में है दूसरा कारण है कार्यालय में काम आजकल कार्यालय में काम ज्यादा है तो उसका भी तनाव नौकरी करने वाले व्यक्ति में देखा जाता है वह सोचता है की अगर समय पर काम पूरा नहीं किया तो अधिकारी डांट लगा देगा येही तनाव कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी में देखने को मिल जाएगा मनोवैज्ञानिकों के अनुसार आजकल व्यक्ति एक व्यक्ति को देखकर आगे बढ़ने की कोशिश में वैसे ही अपनी आवश्यकताएं बना लेता है यदि वह पूरी नहीं हुई तो व्यक्ति तनाव में आ जाता है फिर उसे मधुमेह उच्च रक्तचाप जैसी बिमारी होती है येही बिमारी मौत का कारण बनती है तनाव को कम करने का सबसे अच्छा उपाय क्या है इसे कैसे कम करें इस सवाल का जवाब येही है की रोज सुबह श्याम यौगिक क्रियाएँ की जाएँ जैसे ज्ञान मुद्रा प्राण मुद्रा ध्यान आदि इन क्रियाओं का हमारे ऋषियों ने आविष्कार किया है आजकल के युवाओं को इन क्रियाओं का लाभ उठाना चाहिए और accupressure चिकित्सा पद्धति का लाभ उठाना चाहिए और प्राकृतिक चिकित्सा जैसे कटी स्नान और पंचकर्म क्रिया का लाभ उठाएं आजकल के युवाओं के लिए यह जरुरी है की वह तनाव को कम करने के लिए आयुर्वेद और यौगिक क्रियाओं का लाभ उठाएं और कार्यालयों को भी चाहिए की समय पर छुट्टी अपने कर्मियों को दें अधिकारी भी अपने सहकर्मी को ना डाटें और उसकी भी परेशानी समझें इससे सहकर्मी को तनाव भी नहीं होगा और आपके बीच भी सम्बन्ध मजबूत होंगे यह भी एक तनाव का कारण होता है इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए इसके बारे में सोचकर भी कर्मचारी भी तनाव में आ जाता है सभी कार्यालयों को इस पर भी कदम उठाने चाहिए एक मनोवैज्ञानिक ने अपनी पुस्तक how to reduce स्ट्रेस एंड टेंशन में कहा है an stress is the main measure of all dangerous diseases एंड it is the responsibiltiy ऑफ़ our youth to reduce this एंड it is dangerous for our country and health and for our country progress मनोवैज्ञानिक के इस कथन पर भी आजकल कार्यालय के अधिकारीयों को ध्यान देना चाहिए वरना वह दिन दूर नहीं जब तनाव हमारे देश की प्रगति रोक देगा और हमारे युवा और कर्मचारी मरने लगेंगे सरकार चिंता तो जता देती है पर इन कथनों को नहीं देखती है यह कथन एक मनोवैज्ञानिक ने अपने शोधपत्र में भी दिया था इसमें उसने तनाव पर शोध किया था और फिर इसे अपनी पुस्तक में दिया था तनाव पर आकडे चौका देने वाले हैं अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो इससे हमारे देश की प्रगति तो रूकेगी ही साथ ही इससे हमारे युवाओं की भी मौतें होंगी ओर येही तनाव हमारे देश में युवाओं की मौत का कारण बनेगा सरकार को चाहिए की इस पर ध्यान दे ओर इसको कम करने के लिए अपने अस्पतालों में मनोवैज्ञानिक बातचीत के कार्यक्रम चलाये इससे तनाव को रोकने में मदद मिलेगी युवाओं को भी चाहिए की कोई भी काम को फिकर से करें और तनाव को हावी न होने दें और हमारे ऋषियों और आयुर्वेद द्वारा दी गयी क्रियाओं और चिकित्सों का लाभ उठाएं इसी से तनाव कम होगा और देश की प्रगति भी होगी और युवाओं की मौतें भी नहीं होंगी और यह बीमारियाँ पूरी तरह ख़त्म हो जायेंगी और देश के युवा निरोग रहेंगे और तनाव भी ख़त्म हो जाएगा बस जरुरत है तो सरकार और युवाओं को मिलकर तनाव रोकने की
धन्यवाद

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