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रिटेल में विदेशी निवेश को लाना कहाँ तक सही

lekhan vani
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मंगलवार को सभी समाचारों में यह खबर आई की रिटेल में विदेशी निवेश को औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है वो भी सभी नेताओं के विरोध के बीच सरकार ने ऐसा सोचा भी कैसे की देश में विदेशी निवेश लाना है क्या हमारी सरकार को हमारे देश के खुदरा व्यापारियों के बारे में जरा भी चिंता नहीं हुई अगर नहीं हुई तो क्यों क्या कारण है विदेशी निवेश को लाने का कहीं हमारी सरकार विदेशी लोगो के आगे दब तो नहीं गयी हम यह सवाल अपने देश की सरकार से करना चाहते हैं अगर हमारे देश में multi ब्रांड आउटलेट खोले गए तो जनता तो छोटे खुदरा व्यापारियों की तरफ झाँकेगी भी नहीं सीधे इन्ही आउटलेट में जायेगी और इससे हमारे देश के खुदरा व्यापारी बेरोजगार हो जायेंगे और हमारा देश एक दिन गुलाम ही बनकर रह जाएगा मैंने अपने पहले लेख में जब रिटेल में विदेशी निवेश लाने पर संसद में सभी दलों की बैठक बुलाई जानी थी इससे होने वाले नुकसानों को उस लेख में दिया था पर तब भी सरकार ने क्या किया नियम एक सौ चौरासी के तहत संसद में चर्चा का दिखावा किया और हंगामे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष के सामने बिल को पढ़कर रिटेल में विदेशी निवेश का बिल पास करा दिया वास्तव में सरकार ने नेताओं को दिया गया आश्वाशन तोडा है और यह बिल लागू कर दिया है हमारे देश को यह सरकार बेचने की तैयारी कर रही है वो भी विदेशी लोगो के हाथों और हमारे देश के मंत्री कपिल सिब्बल साहब को देखिये कहते हैं की यह नेताओं के गलत तर्क हैं की हमारा देश बिक जाएगा और यह बातें सब बढ़ा चढ़ाकर की गयी हैं यह बढ़ा चढ़ाकर नहीं हुई हैं यह बातें सही हैं इससे हमारा देश बिकेगा और गुलाम बनकर रह जाएगा जो विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं वो सही है जब सारा पैसा सरकार हमारे सर से निकाल रही है तो विदेशी निवेश क्यों सरकार हमसे निम्न तरह से पैसा ले रही है हाउस टैक्स मनोरंजन कर किराये में बढ़ोतरी पानी का बिल बिजली का बिल सब्जियां महंगी करना वोह भी महंगाई बढाकर सारा तेल जनता के सर से निकला नहीं निकला और अब राजकोष खाली है तो अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए विदेशी निवेश ला रहे हैं इससे नुक्सान ही है लाभ कुछ नहीं है सरकार कहती है की इससे नौकरी के अवसर बढ़ेंगे पर नहीं नौकरी के अवसर नहीं बढ़ेंगे बेरोजगारी और होगी दूसरी बात सरकार यह कहती है की महंगाई कम होगी पर इससे महंगाई कम नहीं होगी उल्टा और बढती जायेगी और हमारे देश के खुदरा व्यापारी बेरोजगार होंगे जनता उनकी तरफ नहीं देखेगी और वह बेचारे भूखे मर जायेंगे कुल मिलाकर कहें तो रिटेल में विदेशी निवेश करने से नुक्सान ही हैं कोई फायदा नहीं है इसे करने से सरकार को जरा इन नुकसानों पर गहराई से सोच लेना चाहिए तब विदेशी निवेश लागू करना चाहिए हाँ अगर सरकार निवेश करना ही चाहती है तो हमारे भारतीय उद्योगपतियों को स्टोर खोलने की अनुमति दे विदेशी क्या करेंगे व्यापार के बहाने हमारे देश को गुलाम बनाकर चले जायेंगे और हमारा देश गुलाम बन जाएगा सरकार को चाहिए की विपक्षी दलों की बात माने संसद में इस पर मंथन करे और तब कानून बनाये विदेशी निवेश ना तो व्यापारियों के हित में है ना देशहित में है ना देश की जनता के हित में है बल्कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है की यह हमारे देश को गुलामी की कगार में लाने का चारा है इसलिए सरकार सोचे और देश विदेशियों के हाथों नीलाम होने और गुलाम होने से बचाये
धन्यवाद
देशहित में अजय पाण्डेय द्वारा जारी

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