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अनमोल रत्न जल का महत्व और उसको बचाने के कुछ रास्ते

lekhan vani
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रामायण में यह लिखा गया है की
शिति जल पावक गगन समीरा
पंचतत्व का बना शरीरा
इस चोपाई का अर्थ है की हमारा शरीर अग्नि जल और आसमान से मिलकर बना है और यह पंचतत्व का बना हुआ है जल का महत्व हमारे जीवन में बहुत है हम जल से नहाते हैं कपडे धोते हैं साफ़ सफाई करते हैं और भी कई कामो में हम जल का उपयोग करते हैं जल का महत्व हमारे जीवन में बहुत है जिसका वर्णन करा नहीं जा सकता और अभी हमारी जनता की जागरूकता जल संरक्षण के प्रति प्रारंभिक अवस्था में है और अभी हमारी जनता जल संरक्षण के प्रति कम ही जागरूक है जल की बचत भी आजकल कम ही होती है और जनता सड़क धो रही है देख रही है और सीमा से ज्यादा पानी चला रही है इसके लिए जनता भी काफी हद तक जिम्मेदार है जो पानी नहीं बचा रही है और आजकल तो जनता अपने बिल्डर से प्रश्न भी नहीं करती है की उसकी निकट भविष्य में पानी की योजनाएँ क्या हैं बस जनता को तो रहने से मतलब होता है सबसे पहले जनता को जान लेना चाहिए की निकट भविष्य में क्या योजनाएँ हैं और क्या मानक हैं पानी के क्या पानी की व्यवस्था ठीक है या नहीं तब उसके बाद घर खरीदकर रहना चाहिए पर नहीं जनता पूछती ही नहीं बस उसे तो रहने से मतलब है तभी तो पानी नहीं बच पा रहा है किसी भी भवन में केंद्रीय जन स्वास्थ्य और पर्यावरण अभियंता की सिफारिशों को ध्यान में रखा जाता है यह संगठन प्रतिव्यक्ति खपत के आधार पर यह देखता है की बिल्डिंग को पानी की जरुरत कितनी है लेकिन यह देखा गया है की अधिकतर बिल्डिंग में पानी आने और पानी sewage में मीटर लगा हुआ है और न ही हिसाब रखा जाता है की टंकी में रोजाना कितना पानी भरा जाता है और कितना पानी उपयोग में लाया जाता है और उसका कितना उपयोग होता है इसी तरह टैंकर में आने वाले पानी की भी जांच नहीं होती और तभी भवनों में पानी की गुणवत्ता खराब होती है अधिकतर भवनों में पाया गया है की रेसिडेंट association के पास बोरवेल की रिपोर्ट तो होती है लेकिन उस पर अमल नहीं होता बोरिंग मोटर पानी की pipe लाइन का रखरखाव बेहद खराब तरीके से हो रहा है बोरवेल की दी गयी रिपोर्ट पर सख्ती से तो दूर गंभीर अमल भी नहीं होता और तभी पानी की गुणवत्ता की जांच भी नहीं होती और तभी खराब पानी मिलता है जो जलजनित बिमारी को जन्म देता है अब आप लोग यह कल्पना कीजिये की अगर आपको नहाने कपडे धोने खाना बनाने और बागवानी के लिए पानी मिलना बंद हो जाए तो तब आप क्या करेंगे पानी की कमी ग्लोबल वार्मिंग के कारन हो रही है सवाल यह है की जल संकट से निपटने के लिए हम क्या करें पानी को संरक्षित करने में हम सब अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं शोंच वाशिंग मशीन से होने वाले पानी के खर्चे पर काबू पाया जा सकता है इसके लिए हमें नलों से बहने वाले पानी की समस्या को दूर करने पर ध्यान देना होगा दरअसल हम रोजमर्रा की जिंदगी में जरुरत से ज्यादा पानी का उपयोग करते हैं पर यह नहीं सोचते की पानी के बिना लाखों लोग प्यासे रह जायेंगे इन परिस्थितियों को देखते हुए हमको भी जरुर कुछ करना चाहिए हमें यह संकल्प लेना चाहिए की हर रोज कम से कम दो लीटर पानी पहले से कम खर्च करेंगे अगर हम इसी तरह संकल्प करें तो लाखों galon पानी यूँ ही बच जाएगा पानी के खर्च में कटोती के अलावा हमें शुद्ध करने या फिर दुबारा इस्तेमाल में लाने के तरीके लोगो को सिखाने होंगे जैसा की हम जानते हैं की बरसात के मौसम में अच्छी बारिश होती है बारिश का पानी समुद्र में चला जाता है अगर हम इस पानी को बचा लें तो treatment प्लांट की sahayta से इसे पीने का पानी बनाया जा सकता है इसी तकनीक को हम वर्षा जल संचयन कहते हैं नलों में पानी हमेशा नहीं होगा हमें इसे सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए भूजल स्तर घट गया है और handpampon में पानी ख़त्म हो रहा है देश का बड़ा हिस्सा पानी की कमी की मार झेल रहा है जबकि दूसरी और पांच सितारा होटलों में लोग आधे आधे घंटे तक नहाते रहते हैं पानी आज एक मुद्दा बन गया है इस मुद्दे से सबको लड़ना होगा हमें ही पानी का दूत बनकर इसे बचाने का प्रयास करना होगा
धन्यवाद
अजय पाण्डेय

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