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कहते हैं की जीवन में कोई एक मार्गदर्शक होना चाहिए चाहे वह कही से भी मिले मुझे वह जागरण में ब्लॉग बनाने पर मिले वोह मार्गदर्शक जो मुझे ब्लॉग्गिंग करने से मना करते हैं और पढाई करने को कहते हैं अनिल कुमार अलीन जी वोह मार्गदर्शक हैं जो मेरा हित चाहते हैं अलीन जी का यह बड़प्पन है की वो सलाहें देते रहते हैं और अभी मेरा लेख छपाने के प्रयास में लगे हुए हैं मुझे अनिल कुमार अलीन जी जैसे मार्गदर्शक मिले इसका मुझे गर्व है और मुझे एक ऐसा ही दोस्त मिला है वोह है आयुष भट्ट वह मेरे ही स्कूल में पढता है वोह भी लेखन में रूचि रखता है हम दोनों के बिच लेखन पर चर्चा होती है और वह यह भी पूछना नहीं भूलता की जागरण junction में तुम्हे कितनी प्रतिक्रिया मिली वह भी अनिल कुमार अलीन जी की बातें मुझे मानने को कहता है उसके पास अभी लैपटॉप नहीं है वह भी जब उसके पास लैपटॉप होगा तब वह भी अपना ब्लॉग बनाएगा और जागरण में ब्लॉग बनाएगा पढाई के बाद में अलीन जी से कहना चाहूँगा की जिस तरह व मेरा हौसला बढ़ाते हैं उसी तरह वह आयुष का भी हौसला बढ़ाये और उसका लेखन में समर्थन करे और एक अनुरोध मेरा अलीन जी से और है की वोह मेरा लेख जल्द ही मुझे छपाकर दे दें ताकि में वह लेख अपने दोस्त आयुष भट्ट को दिखा सकू वह भी मेरा लेख देखने का इच्छुक है मुझे दो बड़ी चीज इस मंच से मिली अलीन जी जैसे मार्गदर्शक और आयुष जैसा दोस्त आयुष मेरा दोस्त पहले से ही था उसने मुझे पहले ही बताया था की उसकी रूचि लेखन में है हम दोनों के विचार मिलते है अलीन जी ने मेरा पहली बार उत्साह इस जागरण मंच में बढाया था मेरी पहली पोस्ट पर प्रतिक्रिया देकर अलीन जी ने फिर मेरा उत्साह दूसरी पोस्ट में भी बढाया था में अलीन जी को भुला नहीं सकता क्योंकि वोह मेरे मित्र की तरह है और मेरी लेख छपने की ख्वाइश भी पूरी कर रहे हैं में अब पूरी तरह स्वाभिमानी हु और किसी के सामने नहीं झुकता अलीन जी की एक प्रतिक्रिया और आशीष गोंडा जी के आलेखों ने मेरी झुकने की प्रवर्ती बंद कर दी और यमुना पाठक जी के आलेखों ने मेरे मन को झकझोरा और कहा की अजय तू मत झुक तेरे दुनिया वैसे ही कदमो में होगी
धन्यवाद
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