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एक रिश्ता है प्यारा बंधन है
ये जीवन हो रोशन ये फर्ज निभाना है
जी हां आजकल बच्चा होने में येही गाया जाता है और बच्चे का जन्म पंजीकरण भी कर लिया जाता है पर हमारा समाज है की लडको को चाहता है लड़कियों को नहीं यह लड़के लड़कियों का भेदभाव क्यों आईये इसी बात पर आज हम इस आलेख में चर्चा करते हैं सबसे पहले हम कुछ घटनाओं के साथ इसकी शुरुआत करते हैं लडकियों के साथ जो घटनाएँ हुई उसका कच्चा चिटठा में समाज के सामने खोलना चाहता हूँ और इस आलेख के द्वारा ही यह चिटठा खुलेगा लड़कियों के साथ हुई कुछ घटनाएँ निम्न है
१. भोपाल में पढाई में कमजोर होने पर लड़की को भीख मगवाई
२. बेबी फलक को छोड़ दिया गया
३. बेबी आफरीन को मारा गया
४. एक बाप ने अपनी लड़की की पिटाई करी
अब देखिये यह सब घटनाएं लड़कियों के साथ हो रही हैं अब में समाज से पूछना चाहता हूँ की क्या यह सही है आखिर लड़कियों को मारने से क्या चाहता है समाज समाज आजकल लड़कियों को पैदा होते ही क्यों मार रहा है अब आप देख सकते हैं क्या क्या हुआ लड़कियों के साथ ऐसा लड़कियों के साथ नहीं होना चाहिए अब में यहाँ पर आपको एक अजन्मी बेटी का ख़त अपनी माँ के नाम दिखने जा रहा हूँ
अजन्मी बेटी का अपनी माँ के नाम ख़त
मेरी प्यारी माँ
आज में आपको यह ख़त लिखने जा रही हूँ आप मुझे मत मारो पैदा होते ही में जीना चाहती हूँ और आपसे कुछ नहीं चाहिए में पढ़ लिखकर बड़ी होना चाहती हूँ में आपके लिए कुछ जरुर करुँगी में अपने दम पर पैसा कमा कर दिखाउंगी मुझे जीने दो में नहीं मरना चाहती जीने दो मुझे और जन्म दो इस दुनिया में लाओ येही आशा ही और आशा करती हूँ की आप मुझे जन्म दोगी
आपकी
अजन्मी बेटी
तो यह तो ख़त था जो मेने आपको दिखाया समाज में लड़कियों के प्रति आजकल बहुत उपेक्षा हो रही ही आज लडको को ही समाज चाहता ही लड़कियों को नहीं सरकार लड़कियों को स्थान दिलाना चाह रही ही पर होगा कुछ नहीं हमें समाज को जागरूक करना होगा और बेटियों को मारने से रोकना होगा और संस्थाओं को भी निम्न कार्य करने होगे
१. बेटियों के बारे में जागरूकता करनी होगी
२. समाज को प्रचार करना होगा
३. सामाजिक कार्यकर्ता आगे आयें
अब समाज को ही जागरूक होना होगा तभी लड़कियों को बचा सकते हैं एक बात और जबतक समाज लड़का लड़कियों में भेदभाव नहीं छोड़ेगा तब तक कुछ नहीं होगा
धन्यवाद
समाजहित में अजय पाण्डेय द्वारा जारी
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