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ग्वारपाठा रस प्राकृतिक चिकित्सा

lekhan vani
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आजकल त्वचा की कान्ति और मधुमेह खून की कमी होना एक आम बात है इसका स्थान आजकल बदलती जीवन शैली और फास्ट फ़ूड पिज्जा आदि ने ले लिया है मधुमेह तो एक बहुत खतरनाक बीमारी है इसका प्रभाव इंसुलिन नामक हर्मोने पर पढता है इन सब बिमारियों में ग्वारपाठा रस बहुत उपयोगी है ग्वारपाठे का रस पिने से यह बीमारियाँ दूर होती है ग्वारपाठे की आजकल बहुत मांग है ग्वारपाठे की खेती भी होती है और यह प्राकृतिक रक्त शोधक है
त्वचा की कान्ती कम होने के कारण
आमतौर पर त्वचा की कान्ति दौड़ भाग के कारण कम होती है और आजकल लोग अपनी त्वचा का ध्यान नहीं रखते हैं इसी वजह से त्वचा की कान्ति कम हो रही है
इसके कई उपाय है कटी स्नान सूर्य स्नान पर ज्यादातर ग्वारपाठा चिकित्सा प्रयोग में लायी जाती है
मधुमेह के कारण
मधुमेह अत्यधिक शर्करा के कारण होता है मधुमेह का कारण इंसुलिन होर्मोने में शर्करा का ज्यादा जमा होना है
एक मधुमेह के रोगी की भोजन तालिका निम्न है
फास्ट फ़ूड परहेज
मिठाई परहेज
खाना
दलिया
सौप
मिर्चा मसाला कम
सुगर फ्री चाय
खून की कमी के कारण
इसका कारण पोषण न मिलना है
खाना हज़म न होना
इसका कारण फास्ट फ़ूड है और अनावश्यक चीज है
चिकित्सा
कब्ज होने पर ग्वारपाठे का रस सुबह श्याम त्रिफला के साथ पिए
त्वचा की कान्ति के लिए ग्वारपाठे के रस का पेस्ट बनाकर लगाये
खून की कमी के लिए ग्वारपाठे का रस खाली पेट सुबह ले
खाना हज़म न होने पर ग्वारपाठा रस सुबह श्याम त्रिफला के साथ पिए
स्त्रोत पातंजल योग शाश्त्र
चरक संहिता सूत्र स्थानं
केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा परिषद्
निरोगधाम
डॉक्टर अजय पाण्डेय

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