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फीडबैक मेरा ब्लॉग नामक जागरण मंच में खट्टे मीठे अनुभव का अजय पाण्डेय द्वारा चित्रण

lekhan vani
lekhan vani
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सबसे पहले जब मेने मेरा ब्लॉग नामक जागरण मंच खोलकर देखा तो उसमे कई ब्लोग्गेर्स के लेख पढ़े पढ़कर बहुत अच्छा अनुभव प्राप्त हुआ चूँकि लेखन करना मेरा प्रिय shock है तो मेने सोचा क्यों न में भी अपना ब्लॉग banaun जब मेने अपना ब्लॉग बनाया तो मेने लेख लिखने शुरू किये कई ब्लोग्गेर्स ने मुझे प्रतिक्रियाएं देनी शुरू करी सर्वप्रथम मेरे बड़े भाई अनिल कुमार अलीन जी ने मुझे प्रतिक्रिया भेजी और मेरा उत्साह बढाया उनकी प्रतिक्रियाओं से मेरा उत्साह बढ़ता गया और में लेख लिखता चला गया ब्लोग्गेर्स की प्रतिक्रियाएँ आती रही कुछ प्रतिक्रियाएँ सकारात्मक थी कुछ नकारात्मक खेर जो भी हो कुल मिलाकर मेरा यह shock बढ़ता ही गया में विद्यार्थी होने के नाते अपनी पढाई से थोडा समय निकालकर ब्लॉग लिखता चला गया इससे मेरे एक पंथ दो काज हुए वो ऐसे की में खेल कूद ज्यादा पसंद नहीं करता हूँ यह indoor गेम की तरह मेरे लिए बहुत लाभदायक रहा और मेरे लेखन को साकार रूप मिलने लगा में जागरण मंच वालों से येही कहूँगा की उन्होंने मेरा ब्लॉग नामक मंच खोलकर लेखन प्रक्रिया में लिप्त रहने वाले कई लेखको को एक मंच पर लाकर एकत्र कर दिया है यदि जागरण मंच एक संगठन बनाकर इस तरह के लेखको को व्यक्तिगत तौर पर आमने सामने संगठित करके एक संगोष्ठी का रूप दे दें तो लेखन की प्रकिर्या और सुद्रढ़ हो सकती है
धन्यवाद

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