Menu
blogid : 8626 postid : 165

सामाजिक रूढ़ीवाद का चक्रवात

lekhan vani
lekhan vani
  • 110 Posts
  • 307 Comments

अबला जीवन हाय तुम्हारी येही कहानी
आँचल में है दूध आखों में पानी
यह पंक्तियाँ राष्ट्रीय कवी स्वर्गीय श्री मैथिलीशरण गुप्त जी ने उस समय लिखी थी जब यह समाज अज्ञानता और रूढ़ीवाद के घोर अंधकार से गुजर रहा था पुरुष प्रधान इस देश में उस समय नारी जाती पर जो अत्याचार होते थे उसी दुर्दशा का वर्णन करते हुए तथा नारी जाती को नरक के इस गर्त से उबारने के लिए मैथिलीशरण गुप्त जी ने उक्त पंक्तियों के द्वारा नारी जाती की दीनदशा का वर्णन किया उस समय बाल विवाह हुआ करते थे जिसको वर्त्तमान समय में colors चैनल द्वारा बालिका वधु नामक नाटक के द्वारा दर्शाया जा रहा है विधवा हो जाने पर जीवन भर वह अपने अरमानो का गला घोटकर सामाजिक प्रताडनाओं को सहते हुए अपना जीवन बिता देती थी आज जब देश इक्कीसवी सदी के दौर से गुजर रहा है लड़कियां लडको से आगे निकल रही है नारी पुरुष के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर हर शेत्र में आगे बढ़ रही है और कन्या भ्रूण हत्या का विरोध हो रहा है ऐसे आधुनिक दौर में भी नारी पूर्ण तरह सुरक्षित नहीं है कहने का तात्पर्य है की जहाँ एक और बेटी बचाओ अभियान चलाया जा रहा है तो दूसरी और बेटियों का अपहरण और बलात्कार जैसी घटनाएँ हो रही है अर्थात अबला जीवन हाय तुम्हारी येही कहानी सही मायने पर अभी भी अपना अधिपत्य जमाये हुए है समाज अभी भी पूर्ण से अन्धविश्वास से मुक्त नहीं हुआ है दहेज़ के बोझ से लदे हुए माता पिता अपने बच्चो को यदि स्वेच्छिक अर्थात प्रेम विवाह करने में उनका साथ दे और उसे arrange marriage की ही तरह सामाजिक तौर पर कर दें तो काफी हद तक अपहरण और बलात्कार जैसी घटनाओं पर रोक लग जायेगी केवल सरकार की कोशिशों से कुछ नहीं होगा समाज और समाज में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति को नयी पीढ़ी की भावनाओं को समझना होगा विज्ञानं और विकास के इस दौर में जबकि शिक्षा का काफी विकास हो गया लड़के लडकियाँ पढ़ लिखकर अपना भला बुरा स्वयं समझने लगे हैं तो उन्हें अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार भी हमें ही देना होगा तभी हम सामाजिक कुरीतियों पर विजय पा सकते हैं और नारी जाती पर होने वाले अत्याचारों से मुक्ति पा सकते हैं नारी जाती का सम्मान करते हुए में यही कहूँगा
नारी ऐसी होती है नारी नर की खान
नारी से नर होत हैं राम कृष्ण समान
समाजसेवी अजय पाण्डेय

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply