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हाल ही में श्री श्री रविशंकर जी का यह बयान विवाद बनकर रह गया श्री श्री का यह बयान कुछ हद तक सही भी है और कुछ हद तक गलत है देखिये जहाँ तक स्कूल की बात है स्कूल सभी अच्छे हैं बस बच्चे को सही होना चाहिए सरकारी स्कूल में पढने वाले बच्चे खुद ही जब ऐसे बन जाए तो इसमें स्कूल का क्या दोष में श्री श्री से एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ की क्या वह भी सरकारी स्कूल में पढ़े थे यदि पढ़े थे तो वह नक्सली क्यूँ नहीं बने संत कैसे बने इस प्रश्न का उत्तर है श्री श्री के पास देखिये जहाँ तक श्री श्री ने कहा है वह कुछ हद तक सही भी है तो कुछ कुछ गलत भी है श्री श्री ने जो तर्क दिया है उसको देने से पहले श्री श्री को एक बार मनन चिंतन करना चाहिए था की आखिर सरकारी स्कूल में पढने वाले बच्चे गुंडे या नक्सली क्यों बनते है इसके picche कुछ तो वजह होगी श्री श्री को समझना चाहिए की स्कूल कोई बुरे नहीं होते जब बच्चे ही ऐसे हो तो स्कूल भी क्या करे श्री श्री एक गुरु है उनका काम है बच्चो को अंधकार से प्रकाश की और ले जाना श्री श्री को आशाराम बापू की तरह बाल संस्कार अभियान चलाना चाहिए न की ऐसे तीक्ष्ण बयान देने चाहिए जिससे सभी में रोष व्याप्त हो जाए सभी विरोध करने लगे श्री श्री ने तो यह बयान देकर सरकारी स्कूल की तुलना कर दी है निजी स्कूल से श्री श्री को आसाराम बापू की तरह बाल संस्कार अभियान चलाकर बच्चो को यह सब करने से रोकना चाहिए उन्हें अच्छे संस्कार देने चाहिए उन्हें यह सब करने से रोकना चाहिए न की ऐसे बयान देने चाहिए जिससे सारा देश विरोध करे रोष हो श्री श्री एक संत है उन्हें समझना चाहिए की ऐसे बयान कितने घातक साबित होंगे स्कूल की तुलना एक स्कूल से नहीं करना चाहिए
धन्यवाद
देशहित में अजय पाण्डेय द्वारा जारी
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